कटनी। नई बस्ती स्थित अपने कार्यालय में आयोजित पत्रकारवार्ता में कांग्रेस नेता राकेश जैन कक्का ने बताया कि कुछ दिन पहले माधवनगर पुलिस ने उनके खिलाफ राय कॉलोनी में एक दीवार तोडऩे और गाली-गलौज करने का मामला दर्ज किया है। इस मामले को लेकर उन्होंने एसपी अभिनय विश्वकर्मा से मुलाकात कर अपना पक्ष रखते हुए बताया कि पुलिस ने दबाव में आकर उनके खिलाफ झूठी एफआईआर दर्ज की है। एसपी ने मामले की जांच का आश्वासन दिया है। श्री जैन ने कहा कि यदि पुलिस इस मामले में खात्मा नहीं लगाती है तो फिर न्यायालय का दरवाजा खुला हुआ है। श्री जैन ने बताया कि करीब डेढ़ साल पहले उन्होंने बैंक नीलामी में भाग लेकर राय कॉलोनी में यह जमीन खरीदी थी। फिर इसका नामांतरण करवाया।
श्री जैन ने बताया कि सुबोध अग्रवाल ने राय कॉलोनी स्थित इस प्लाट को बैंक में गिरवी रखकर लोन लिया था। लोन नहीं चुकाने पर बैंक ने प्लाट को नीलाम किया। जिसे उन्होंने विधिवत नीलामी में भाग लेकर खरीदा। नीलामी के बाद भूमि पर कब्जा दिलाने का काम बैंक का है। बैंक के अधिकारी, तहसीलदार, आरआई, पटवारी, पुलिस जब मौके पर जाते थे तो सौरभ अग्रवाल और अलका अग्रवाल विवाद करते थे, इसलिए बैंक को कब्जा नहीं मिलता था। इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में रिटपिटीसन दायर की गई। हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी तहसीलदार ने कब्जा नहीं दिलाया तो कोर्ट की अवमानना का केस दायर किया गया। कोर्ट ने बैंक को कब्जा दिलाने का आदेश जारी किया। जिस पर तहसीलदार, आरआई, पटवारी, पुलिस, बैंक मैनेजर की मौजूदगी में विधिवत नाप की जाकर बैंक को कब्जा दिलाया गया। बताया गया कि प्लाट पर दो कमरे बने थे। उसमे किरायेदार थे। उनका सामान बाहर निकालकर ताला लगाया गया। सील चस्पा कर कब्जे की सूचना दीवार पर चस्पा की गई। बैंक ने बताया कि जो दीवार दक्षिण दिशा में बनी है, वो रोड की भूमि है, वहां से आपकी जमीन है, जिस पर श्री जैन ने दीवार हटवाने के लिए कहा तो सौरभ अग्रवाल का कहना था कि बाद में अलग करवा लेना। श्री जैन ने बताया कि जिस दीवार तोडऩे का आरोप है, पेंटर को बुलवाकर उसके ऊपर भूमि स्वामी का नाम लिखवाया गया। स्थल का पंचनामा भी बनाया गया, जिसमे सौरभ अग्रवाल, अलका अग्रवाल ने हस्ताक्षर किये। 27 अगस्त को आर्केटेक्ट को बुलाकर सौरभ व अलका अग्रवाल के सामने एक बार फिर प्लाट की नाप कराई गई। सीमेंट बाउंड्रीवाल का काम शुरू किया गया। लगभग 60 प्रतिशत काम पूरा होने के बाद 31 अगस्त को खबर मिली कि अलका अग्रवाल मजदूरों से गाली-गलौच कर रही हैं और काम रूकवा दिया है। जिसकी सूचना उन्होंने थाने में दी। मौके पर टीआई ने दोनों पक्षों से भूमि स्वामी दस्तावेज मांगे। जिस पर मैने दस्तावेज दिखाए, लेकिन अलका अग्रवाल व सौरभ अग्रवाल कोई भी दस्तावेज नहीं दिखा पाए। इसके बाद माधवनगर पुलिस ने भाजपा नेताओं के दबाव में आकर एफआईआर दर्ज कर ली। एफ आई आर की कॉपी लेकर श्री जैन ने बैंक मैनेजर और हाईकोर्ट के वकील से संपर्क किया। इसके बाद एडनीशल एसपी से मिलकर पूरी बात बताई और आवेदन दिया है। श्री जैन ने कहा कि राजनीतिक दवाव के कारण मुकदमा दर्ज कर मेरी छबि खराब करने का प्रयास किया गया है।जबकि अलका अग्रवाल के नाम पर सिर्फ एक मकान है और जिस रोड रास्ते की जमीन जिस पर दिवाल तोड़ने का आरोप अलका अग्रवाल ने लगाया वह जमीन उनके नाम पर दर्ज नहीं है कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी और वरिष्ठ नेताओं ने घटना की जानकारी ली है।
पुलिस ने दबाव में आकर उनके खिलाफ झूठी एफआईआर दर्ज की : rakesh jain
