कटनी।किसानों के फार्मर रजिस्ट्री की प्रक्रिया संपादन के मामले में कटनी जिला प्रदेश के अग्रणी जिलों में शामिल है। जिले में अब तक 1 लाख 74 हजार 997 फार्मर रजिस्ट्री का कार्य संपादित किया जा चुका है। यह कुल लक्ष्य के विरुद्ध 99 प्रतिशत उपलब्धि है।
कलेक्टर श्री दिलीप कुमार यादव द्वारा राजस्व अधिकारियों की बैठक में किसानों के फार्मर आई डी रजिस्ट्री मामले की निरंतर सतत समीक्षा की वजह से यह उपलब्धि हासिल हो सकी है। कलेक्टर के निर्देश के बाद जिले में अभियान स्वरूप में फार्मर आईडी रजिस्ट्री प्रक्रिया का कार्य संपादित किया गया।
*कटनी नगर तहसील अग्रणी*
फार्मर आई डी रजिस्ट्री बनाने के मामले में जिले की कटनी नगर तहसील अव्वल है। यहां अब तक 9 हजार 406 किसानों की फार्मर आई डी रजिस्ट्री बनाईं जा चुकी है। जबकि कटनी ग्रामीण तहसील के 10 हजार 568 किसानों की, स्लीमनाबाद तहसील के 17 हजार 132 किसानों, बहोरीबंद तहसील के 25 हजार 757 किसानों की फार्मर आई डी रजिस्ट्री बनाईं जा चुकी है। इसी प्रकार विजयराघवगढ़ तहसील के 29 हजार 668 किसानों की, ढीमरखेड़ा तहसील के 26 हजार 758 किसानों सहित बरही तहसील के 17 हजार 340 किसानों और रीठी तहसील के 22 हजार 456 किसानों एवं बड़वारा तहसील के 16 हजार 212 किसानों की फार्मर आई डी रजिस्ट्री बनाईं जा चुकी है।
कृषकों को आसानी से केसीसी ऋण कम्प्यूटरीकृत प्रक्रिया के माध्यम से प्राप्त हो सके तथा हितग्राही मूलक योजनाओं का निर्धारण एवं सत्यापन की प्रक्रिया सुनिश्चित करने हेतु राज्य शासन के निर्देशानुसार प्रत्येक कृषक भूस्वामी को एक यूनिक आईडी भारत सरकार द्वारा जनरेट कर प्रदान की जा रही है।
*फार्मर रजिस्ट्री के लाभ*
किसानों को अब केंद्र की 6 प्रमुख योजनाओं के लिए अलग-अलग दफ्तर नहीं जाना होगा। सहायता योजना, कृषि ऋण, मुख्यमंत्री किसान स्वास्थ्य कार्ड, कृषि मृदा मशीनीकरण योजना सहित सभी सरकारी योजनाओं का लाभ एक ही फार्मर आईडी कार्ड से मिल सकेगा।
भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय तथा मध्यप्रदेश शासन के राजस्व विभाग द्वारा जारी निर्देशों के मुताबिक भविष्य में पीएम किसान योजना का लाभ प्राप्त करने किसानों की फार्मर आईडी होना अनिवार्य होगा। फार्मर रजिस्ट्री के अतर्गत प्रत्येक कृषक भूमिस्वामी को एक यूनिक आईडी जनरेट कर प्रदान की जा रही है ताकि कृषकों को आसानी से केसीसी ऋण कम्प्यूटरीकृत प्रक्रिया के माध्यम से प्राप्त हो सके और हितग्राहीमूलक योजनाओं हेतु लक्ष्य निर्धारण एवं कम्प्यूटरीकृत प्रणाली से सत्यापन की प्रक्रिया सुनिश्चित की जा सके।
फार्मर रजिस्ट्री से किसानों की पहचान सुनिश्चित होगी, किसानों का डेटा बेस तैयार होगा और कृषि सबंधी नीतियों के क्रियान्वन में मदद मिलेगी। फार्मर रजिस्ट्री या फार्मर आईडी से किसानों को पीएम किसान एवं अन्य शासकीय योजनाओं का लाभ लेने में भी आसानी होगी। किसान घर बैठे अपने मोबाइल पर फार्मर सहायक एमपी एप डाउनलोड कर फार्मर रजिस्ट्री करा सकते हैं।
मोबाइल एप के अलावा किसान पटवारी अथवा उनके गांव में नियुक्त सर्वेयर सहायक से भी फार्मर रजिस्ट्री करा सकेंगे। एमपी ऑनलाइन कियॉस्क या कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से भी निर्धारित शुल्क चुकाकर किसान फार्मर रजिस्ट्री करा सकेंगे।
