कटनी।ढीमरखेड़ा तहसील क्षेत्र
ग्राम पंचायत गूंडा इस समय बड़े विवादों के घेरे में है। यहां के सरपंच संकेत लोनी पर एक ओर जहां पत्रकारों से पैसे मांगने के झूठे आरोप गढ़ने का आरोप है, वहीं दूसरी ओर उनके परिवार पर दुष्कर्म, दबाव और जान से मारने की धमकी जैसे गंभीर मामले भी सामने आए हैं। घटनाओं की इस श्रृंखला ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है और ग्राम गूंडा के हालात पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
मामला तब तूल पकड़ गया जब सरपंच संकेत लोनी ने एक तथाकथित पत्रकार सत्येंद्र बर्मन के जरिए सोशल मीडिया पर एक समाचार वायरल करवाया। इस समाचार में दावा किया गया कि पत्रकार अज्जू सोनी और मुकेश यादव ने सरपंच से चार-चार हजार रुपये की मांग की थी और इस संबंध में व्हाट्सऐप पर बिल भी भेजा।
लेकिन इस दावे को पत्रकार अज्जू सोनी और मुकेश यादव ने सिरे से खारिज कर दिया। उनका कहना है कि यह सरासर झूठ है और सरपंच द्वारा बनाई गई एक साजिश है। अज्जू सोनी ने बताया कि उनके साथी पत्रकार मुकेश यादव ने हाल ही में ग्रामपंचायत गूंडा की अनियमितताओं से जुड़े समाचार प्रकाशित किए थे। इन्हीं खबरों से नाराज होकर सरपंच ने षड्यंत्र रचा और अपने परिचित रामलाल लोनी से फोन कराकर मुकेश यादव को गूंडा बुलवाया।
पत्रकारों का आरोप है कि जैसे ही मुकेश यादव वहां पहुंचे, एक अज्ञात युवक मुंह पर काला कपड़ा बांधकर आया और डंडे से हमला कर दिया। हमला करने के बाद आरोपी मौके से फरार हो गया। इस घटना ने पत्रकारों में रोष फैलाया और सभी साथी पत्रकार तत्काल पुलिस थाना ढीमरखेड़ा पहुंचे, जहां शिकायत दर्ज कराई गई।
इसी दौरान एक और बड़ा खुलासा हुआ। ग्राम गूंडा की ही निवासी पूजा लोनी अपने पिता विजय लोनी के साथ थाने पहुंची और सरपंच परिवार पर गंभीर आरोप लगाए। पूजा ने पुलिस को बताया कि सरपंच संकेत लोनी का पुत्र निलेश लोनी शादी का झांसा देकर लगभग दो साल तक उसका शोषण करता रहा। गर्भवती होने के बाद जब उसने विवाह की बात की, तो निलेश ने शादी से साफ इंकार कर दिया। पूजा की शिकायत पर पहले ही मामला दर्ज हो चुका है, जो इस समय न्यायालय में विचाराधीन है।
पूजा का कहना है कि अब सरपंच संकेत लोनी और उसका पुत्र निलेश लगातार उस पर और उसके परिजनों पर दबाव बना रहे हैं कि वह अदालत में राजीनामा कर ले। मना करने पर उन्हें जान से मारने की धमकी दी जा रही है। पूजा ने यह भी कहा कि उसके परिवार को डराने और चुप कराने की लगातार कोशिशें हो रही हैं।
पूरे मामले पर कई पत्रकारों ने रिपोर्टिंग की और समाचार प्रकाशित किए। पत्रकारों का कहना है कि इन्हीं आरोपों से बचने और जनता का ध्यान भटकाने के लिए सरपंच ने एक तथाकथित पत्रकार के जरिए झूठा समाचार वायरल करवाया, जिसमें उन्हें ब्लैकमेलर साबित करने की कोशिश की गई।
पत्रकार अज्जू सोनी और मुकेश यादव ने पुलिस थाना ढीमरखेड़ा में लिखित शिकायत दर्ज कराई है और उन्होंने कोर्ट में मानहानि का परिवाद दायर करने की भी तैयारी शुरू कर दी है। पत्रकारों का कहना है कि यह केवल व्यक्तिगत हमला नहीं है, बल्कि पत्रकारिता की स्वतंत्रता और निष्पक्ष खबरों को दबाने का प्रयास है।
अब देखना यह होगा कि पुलिस और प्रशासन इस पूरे मामले में कितनी निष्पक्षता से कार्रवाई करते हैं। सरपंच और उनके परिवार पर लगे गंभीर आरोपों की जांच कितनी गहराई से होती है, यह आने वाले दिनों में स्पष्ट होगा। फिलहाल ग्राम गूंडा में चर्चाओं का बाजार गर्म है और ग्रामीण जनमानस न्याय की प्रतीक्षा कर रहा है।