रीठी जनपद में सांसद निधि से हो रहा निर्माण कार्य अनियमितताओं से घिरा

News Jantantra

मिट्टी-पत्थर से बन रहा सामुदायिक भवन न नियम, न नक्शा करहैया में मनमर्जी से चल रहा भवन निर्माण कार्य
कटनी जिले के रीठी जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत करहैया में सांसद निधि से बनाए जा रहे सामुदायिक भवन के निर्माण कार्य पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस भवन के निर्माण में जमकर अनियमितताएँ की जा रही हैं। ग्राम पंचायत करहैया के हाई स्कूल के पास मुख्य तिराहे पर चल रहे इस कार्य में सरपंच और सचिव की दबंगई साफ तौर पर देखी जा सकती है।
जानकारी के अनुसार, इस सामुदायिक भवन का निर्माण बिना तकनीकी प्रक्रिया और नियमों का पालन किए किया जा रहा है। सबसे बड़ी लापरवाही यह है कि न तो निर्माण स्थल पर कोई डिस्प्ले बोर्ड लगाया गया है और न ही भवन का स्वीकृत ड्रॉइंग-प्लान मौजूद है। ग्रामीणों का कहना है कि भवन की नींव में सीमेंट-कंक्रीट की जगह मिट्टी और पत्थरों का भराव किया जा रहा है, जिससे इसकी मजबूती पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
लोगों का आरोप है कि जिम्मेदार अधिकारी जानबूझकर इस पूरे मामले पर आँख मूंदे हुए हैं। जनपद पंचायत रीठी में पदस्थ इंजीनियर और सीईओ की अनुपस्थिति इस भ्रष्टाचार की सबसे बड़ी वजह बताई जा रही है। रीठी मुख्यालय पर न तो कोई इंजीनियर नियमित रूप से मौजूद रहता है और न ही सीईओ का निवास यहीं पर है। ऐसे में ग्राम पंचायत स्तर पर निर्माण कार्यों की निगरानी पूरी तरह ठप हो चुकी है।
जब इस संबंध में सीईओ रीठी से संपर्क करने की कोशिश की तो उन्होंने फोन तक रिसीव करना उचित नहीं समझा। इससे साफ झलकता है कि प्रशासनिक स्तर पर भी इस मामले को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है।
गौरतलब है कि सांसद निधि से होने वाले कार्यों में पारदर्शिता और गुणवत्ता बनाए रखने के लिए सख्त दिशा-निर्देश तय किए गए हैं। प्रत्येक निर्माण स्थल पर डिस्प्ले बोर्ड लगाना अनिवार्य है, ताकि जनता को यह जानकारी मिल सके कि किस योजना के अंतर्गत और कितनी लागत से निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा स्वीकृत नक्शे और तकनीकी मानकों के अनुरूप ही कार्य होना चाहिए, ताकि सरकारी धन का सही उपयोग हो सके।
लेकिन करहैया पंचायत का यह मामला इन नियमों की खुली धज्जियाँ उड़ाता नजर आ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि निर्माण की नींव ही मजबूत नहीं होगी, तो आने वाले वर्षों में यह भवन ध्वस्त हो सकता है और सरकारी पैसे की बर्बादी होगी।
ग्रामीणों ने उच्चाधिकारियों से मांग की है कि तत्काल इस निर्माण कार्य की जांच कराई जाए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। साथ ही सांसद निधि से होने वाले कार्यों की नियमित मॉनिटरिंग के लिए इंजीनियरों की तैनाती अनिवार्य की जाए, ताकि जनता के पैसों से हो रहे कार्यों में पारदर्शिता बनी रहे।
यह पहला मौका नहीं है जब रीठी जनपद की किसी ग्राम पंचायत में निर्माण कार्यों में अनियमितताओं के आरोप लगे हों। सवाल यह है कि क्या इस बार भी यह मामला फाइलों में दब जाएगा या वास्तव में जिम्मेदारों पर कार्रवाई होगी। फिलहाल ग्राम पंचायत करहैया का सामुदायिक भवन निर्माण भ्रष्टाचार का प्रतीक बन चुका है, जिस पर जिला प्रशासन की सख्त नजर होना जरूरी है।

Share This Article