मध्य प्रदेश के पन्ना में रहने वाले कांग्रेस के पूर्व महामंत्री ने अपने साथी के साथ मिलकर फर्जी बेटा खड़ा कर आदिवासी की जमीन को हथिया लिया (land scam)। राजस्व अधिकारियों की जांच में खुलसा हुआ तो हड़कंप मच गया है। कलेक्टर ने कांग्रेस के पूर्व महामंत्री श्रीकांत दीक्षित पिता भास्कर दीक्षित और उसके साथ इंद्रपुरी कॉलोनी पन्ना निवासी अनुपम त्रिपाठी पिता रामलखन त्रिपाठी को नोटिस जारी किया है।
15 सितंबर को कलेक्टर कार्यालय में उपस्थित होने का आदेश
दोनों को 15 सितबर 25 को सुबह 11 बजे कलेक्टर न्यायालय में समक्ष में उपस्थित होने कहा है। उपस्थित नहीं होने पर मामले की सुनवाई और निपटारा के संबंध में आगामी कार्रवाई करने चेताया गया है। आवेदिका द्वारा 13 जनवरी 2022 को शिकायत दर्ज कराई गई थी कि मेरे पिता की मृत्यु हो गई है। मां नेत्रहीन हैं।
माता-पिता की हम केवल दो संतानें बेटियां हैं। ग्राम जैतूपुर तहसील अमानगंज निवासी व्यक्ति द्वारा अपने एवं हमारे पिता के मिलते जुलते नाम का फायदा उठाया गया है। हमारा भाई एवं माता-पिता का एक मात्र फर्जी बेटा बनाकर हमारी जमीन अनुपम त्रिपाठी और श्रीकांत दीक्षित द्वारा खरीद ली गई। इस मामले में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पन्ना से जांच कराई गई
फर्जी बेटे के नाम करवा दिया था नामांतरण
इस प्रकरण में ग्राम मनौर की नामांतरण पंजी प्रविष्टि क्रमांक 10 पर तहसीलदार पन्ना द्वारा पारित आदेश की प्रति के संबंध में मूल नामांतरण पंजी से मिलान की कार्रवाई की गई। पाया गया कि यह प्रविष्टि हल्का पटवारी द्वारा खसरा नंबर के खातेदार की 15 वर्ष पूर्व मृत्यु और उनकी पत्नी 10 वर्ष पूर्व फौत होना लेखकर उनके फर्जी पुत्र के पक्ष में नामांतरण किए जाने के संबंध में दर्ज की गई थी। तहसीलदार पन्ना द्वारा मृतक के स्थान पर बारिश के नाम नामांतरण स्वीकृत किया गया। मूल नामांतरण पंजी के साथ उद्घोषणा पत्र चस्पा है, किंतु तामीली, मुनादी या प्रकाशन कराने संबंधी कोई रिपोर्ट इसमें अंकित नहीं है।
9 नवबर 2020 की नकल अनुसार पंजीकृत विक्रय पत्र के आधार पर श्रीकांत दीक्षित एवं अनुपम त्रिपाठी के पक्ष में स्वीकृत किया गया है। इस मामले में दस्तावेजों के अवलोकन उपरांत पाया गया कि प्रश्नाधीन भूमि जगोला पिता बल्दुआ गौड़ निवासी मनौर के नाम दर्ज रही है, जबकि जैतुपुरा निवासी राजाराम आदिवासी गौड़ नहीं बल्कि सौर जनजाति के हैं। फर्जी तरीके से जमीन क्रय करने के बाद प्रभावित परिवार को भूमि पर फसल बोने से मना करने पर कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक को इसकी शिकायत की गई थी। दोनों बहनों द्वारा अनुपम त्रिपाठी और श्रीकांत दीक्षित से कई बार संपर्क साधा गया, लेकिन दोनों ने जातिगत अपमान कर भगा दिया
दोस्त के साथ मिलकर किया फर्जीवाड़ा
जांच में सामने आया कि कांग्रेस नेता ने शहर के ही रहने वाले अपने दोस्त के साथ मिलकर फर्जीवाड़े को अंजाम दिया।एसडीएम द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन में लेख किया गया कि शिकायत पत्र और संलग्न दस्तावेज शपथ पत्र में उल्लेख है कि उनके पिता की ग्राम मनौर स्थित भूमि खसरा नंबर 143/4 रकवा 2.000 है. को अनुपम एवं श्रीकांत ने जैतुपुरा के एक फर्जी व्यक्ति राजाराम को उनका भाई और उनके माता पिता का फर्जी पुत्र बनाकर जमीन अवैध तरीके से क्रय की गई, जबकि दोनों बहनों के संलग्न शपथ पत्र में लेख है कि हमारा कोई भाई नहीं है।
आवेदिका के निकट संबंधी एवं दो साक्षियों के प्रस्तुत शपथ पत्र में भी इस बात का उल्लेख है कि पिता की केवल दो पुत्रियां है एवं कोई भाई नहीं है। उक्त खसरा नंबर की भूमि को कुछ लोगों ने धोखाधड़ी करने ट्रांसफर करवा ली है। इनमें राजाराम सौर सहित श्रीकांत दीक्षित एवं अनुपम त्रिपाठी शामिल हैं। शपथ पत्रों में यह भी लेख है, श्रीकांत दीक्षित व अनुपम त्रिपाठी ने फर्जी कार्य के लिए राजाराम को 35 हजार रुपए दिए थे।