कटनी गरीबों और जरूरतमंदों को मिलने वाले सस्ते और नि:शुल्क राशन की हकीकत अब सामने आ रही है। शासन-प्रशासन द्वारा कराई गई इ-केवायसी ने ऐसे चौंकाने वाले तथ्य उजागर किए हैं, जिन्हें सुनकर हर कोई हैरान है।
कटनी जिले से लेकर पूरे जबलपुर संभाग और प्रदेश भर में इ-केवायसी अभियान चलाया गया। इसका मकसद था कि गल्ला केवल उन्हीं तक पहुँचे जो इसके असली हकदार हैं। लेकिन नतीजे बिल्कुल अलग निकले।
कटनी जिले में ही 94 हजार से ज्यादा लोग इ-केवायसी कराने नहीं पहुँचे। यानी ये लोग अब राशन सूची से लापता हो गए हैं। वहीं जबलपुर जिले में 1 लाख 67 हजार 338 लोग केवायसी कराने नहीं आए। पूरे संभाग में ऐसे 7 लाख से ज्यादा लोग सामने आए हैं, जिन्होंने अबतक इ-केवायसी नहीं कराई।
लेकिन सबसे बड़ा सवाल उठता है कि क्या ये लोग सचमुच जरूरतमंद थे या फिर गलत तरीके से राशन का फायदा उठा रहे थे।
जांच में ये भी खुलासा हुआ है कि कई लखपति और करोड़पति भी गरीबों के हिस्से का राशन हड़प रहे थे। कटनी जिले में 1027 लोगों की आय 6 से 25 लाख रुपए के बीच पाई गई। जबलपुर संभाग में इनकी संख्या 28 हजार 297 है।
जबलपुर जिले में सबसे ज्यादा 5453, छिंदवाड़ा में 3866 और बालाघाट में 3449 अमीर लोग सामने आए हैं, जिन्होंने पात्रता के बावजूद सस्ते राशन का लाभ लिया।
ऐसे लोगों को एसडीएम की ओर से नोटिस थमाए गए हैं, जिसके बाद अफसरों के दफ्तरों और राशन दुकानों में हड़कंप मच गया है।
प्रदेश स्तर पर यह संख्या और भी चौंकाने वाली है।
1 लाख 60 हजार 186 लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं, क्योंकि उनकी आय 6 लाख से लेकर 25 लाख रुपए से ऊपर पाई गई है। खाद्य विभाग के पोर्टल पर 1 लाख 59 हजार 453 नोटिस पहले ही अपलोड हो चुके हैं।
अब हालत ये है कि कई लोग जनसुनवाई और राशन दुकानों पर पहुँचकर नाम न काटने की गुहार लगा रहे हैं।
हालांकि प्रशासन का कहना है कि जिनके नाम गलत तरीके से शामिल हुए हैं, उन्हें सूची से बाहर किया जाएगा। वहीं जिन लोगों ने अबतक इ-केवायसी नहीं कराई है, उनका राशन पिछले तीन महीनों से रोक दिया गया है।
गरीबों का हक मारने वालों की अब खैर नहीं… इ-केवायसी ने खोल दी लाखों फर्जी लाभार्थियों की पोल।