बरही(सत्येन्द्र गौतम) थाना क्षेत्र के विभिन्न गांवों में खुलेआम अवैध शराब की पैकरी धड़ल्ले से चल रही है। गांव-गांव शराब की बिक्री होने के बावजूद जिम्मेदार विभाग और पुलिस प्रशासन इस पर मौन स्वीकृति देते नज़र आ रहे हैं। आलम यह है कि कई ग्रामीण क्षेत्रों में सुबह से लेकर देर रात तक शराब की अवैध दुकानों पर भीड़ देखी जा सकती है। शराब माफियाओं ने इस गोरखधंधे को व्यवसाय का रूप दे दिया है, जिससे न सिर्फ कानून व्यवस्था प्रभावित हो रही है, बल्कि सामाजिक बुराइयां भी तेजी से बढ़ रही हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कई बार इस अवैध कारोबार की शिकायत की, लेकिन पुलिस महज औपचारिक कार्रवाई कर मामलों को रफा-दफा कर देती है। वहीं, आबकारी विभाग की भूमिका भी सवालों के घेरे में है, क्योंकि उनकी अनदेखी और मिलीभगत के बिना इस तरह का कारोबार लंबे समय तक चल पाना संभव नहीं है। नतीजतन गांवों में नशे की लत तेजी से फैल रही है और युवा वर्ग इसका सबसे बड़ा शिकार बनता जा रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि प्रशासन चाहे तो कुछ ही दिनों में इस पर रोक लगा सकता है, लेकिन कार्रवाई के अभाव में शराब माफिया बेखौफ हैं। स्थानीय लोग अब सरकार और उच्च अधिकारियों से उम्मीद कर रहे हैं कि अवैध शराब के इस गोरखधंधे पर कठोर कदम उठाए जाएं और जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय हो। यदि समय रहते रोकथाम नहीं की गई तो यह सामाजिक संकट और गहराएगा।