दमोह जिले में खाद वितरण के दौरान स्थिति बिगड़ गई और प्रशासन को मजबूरन वितरण रोकना पड़ा। यह घटना दमोह शहर के स्टेशन चौराहे पर स्थित एमपी स्टेट एग्रो ऑफिस की है।
मंगलवार को यहाँ सुबह से ही किसान खाद लेने के लिए बड़ी संख्या में पहुँचने लगे। जैसे-जैसे भीड़ बढ़ती गई, ऑफिस के बाहर अफरातफरी का माहौल बन गया। किसानों की भारी भीड़ सड़कों तक फैल गई और यातायात प्रभावित हो गया। आलम यह था कि स्टेशन चौराहे पर जाम की स्थिति बन गई और अव्यवस्था फैलने लगी।
जैसे ही इसकी जानकारी प्रशासन को मिली, कलेक्टर सुधीर कोचर ने तुरंत नायब तहसीलदार रघुनंदन चतुर्वेदी को मौके पर भेजा। उन्होंने वहाँ पहुँचकर हालात का जायजा लिया और किसानों को समझाने की कोशिश की। लेकिन भीड़ इतनी अधिक थी कि नियंत्रण करना मुश्किल हो गया। नतीजतन अधिकारियों ने तत्काल खाद वितरण की प्रक्रिया को रोकने का निर्णय लिया।
एमपी स्टेट एग्रो के जिला प्रबंधक अधिकारी साकेत गोस्वामी ने जानकारी दी कि मंगलवार को करीब 70 किसानों को टोकन जारी किए गए हैं। इन किसानों को बुधवार से मंडी परिसर में खाद उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि बुधवार को और 60 से 70 नए किसानों को टोकन दिए जाएंगे और उन्हें अगले दिन खाद दी जाएगी। अब वितरण प्रक्रिया स्टेशन चौराहे से हटाकर मंडी परिसर में की जाएगी, ताकि भीड़ नियंत्रण में रहे और किसानों को दिक़्क़त न हो।
दमोह जिले में इस बार हाइब्रिड मक्का की बुवाई सबसे ज्यादा हुई है। इस फसल की खासियत है कि इसे तीन बार खाद की आवश्यकता होती है। यही वजह है कि किसानों की ओर से खाद की मांग अचानक बहुत अधिक बढ़ गई है। लेकिन जिले में खाद की आपूर्ति पर्याप्त मात्रा में नहीं हो रही, जिसके कारण यह समस्या उत्पन्न हुई।
किसानों की चिंता यह है कि यदि समय पर खाद उपलब्ध नहीं हुई तो उनकी फसल की वृद्धि प्रभावित हो सकती है और पूरी मेहनत पर असर पड़ सकता है। यही कारण है कि बड़ी संख्या में किसान एक साथ खाद लेने पहुँच गए और भीड़ का रूप धारण कर लिया।
प्रशासन ने किसानों से अपील की है कि वे धैर्य बनाए रखें और भीड़ लगाने से बचें। अधिकारियों का कहना है कि खाद की आपूर्ति निरंतर की जा रही है और टोकन सिस्टम से सभी किसानों को उनकी बारी पर खाद उपलब्ध कराई जाएगी।
यह घटना स्पष्ट करती है कि दमोह जिले में खाद की समस्या कितनी गंभीर है। हालांकि प्रशासन ने व्यवस्था में बदलाव कर मंडी परिसर से वितरण की घोषणा कर दी है, लेकिन सबसे बड़ी चुनौती यही रहेगी कि खाद की आपूर्ति पर्याप्त और समय पर हो। तभी किसान अपनी फसल को बचा पाएंगे और उनका उत्पादन प्रभावित नहीं होगा।
फिलहाल राहत की बात यही है कि टोकन सिस्टम लागू होने के बाद अव्यवस्था कम होगी और धीरे-धीरे सभी किसानों को खाद मिल सकेगी। प्रशासन का दावा है कि किसी भी किसान को खाद से वंचित नहीं किया जाएगा।